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Monday, October 22, 2018

Happy Birthday: जानिए- भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 10 अनजाने किस्से

Happy Birthday: जानिए- भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 10 अनजाने किस्से



New Delhi, JNN BJP's national president and Rajya Sabha MP Amit Shah is today's birthday. Born in Mumbai on October 22, 1964, Amit Shah is said to be the Chanakya of today's politics. However, there is a great reason behind this. They are not called Chanakya of Uyi politics. He is Amit Shah who made the BJP the largest political party in the world. When Amit Shah became the BJP's national president after coming to power in 2014, he started a membership campaign.

The campaign received tremendous support and the result was that within the next year, the number of members of the party crossed 10 million. After which the BJP became the world's largest political party.

BJP in Golden Age
It would not be wrong to say that the BJP is going through its golden phase and the biggest contribution behind it is Amit Shah. Because of the strategy of Amit Shah's failing every move of the Opposition, the government has formed one government in several states after the other. Apart from the BJP coalition center, the government is operating in 21 states

Amit Shah's 10 Uncredited Tales
1. There was no relationship from Amit Shah's politics far and wide. He was born to businessman Anilchandra Shah. However, Shah joined the National Self-Service Association (RSS) in childhood itself. In school days he became the leader of the All India Vidyarthi Parishad (ABVP). At the time of graduation, he became the official worker of the Sangha.

2. In the year 1986, before joining the BJP, he worked as a stockbroker. In 1995, during Gujarat Chief Minister Keshubhai Patel's government, he was elected chairperson of Gujarat State Finance Corporation

3. His first meeting with the current Prime Minister Narendra Modi took place in Ahmedabad in 1982. At that time, Modi was a RSS campaigner. Today opposition parties have no breakthrough with Modi-Shah jugalbandi

4. Amit Shah was given the responsibility of campaigning for Lal Krishna Advani in 1991 and Atal Bihari Vajpayee's election in 1996. From this, Shah emerged as the best election manager and strategist.

5. Shah reached the Assembly for the first time by winning the elections from the Sarvajej seat of Gujarat in the 1997 (by-election). After this he won the Constituent Assembly election in 1998, 2002 and 2007.

6. In Gujarat in 2002, Narendra Modi became Chief Minister by winning the election. Modi gave him the responsibility of many big ministries

7. There was a time when during Shah's political career, there was a scam of controversy. While being the Home Minister of Gujarat in 2010, he was accused of Sohrabuddin fake encounter case. Seeing the growing issue, he had to resign from the post of Home Minister. The arrest also happened, but he was acquitted when no evidence was found

8. On the order of the Supreme Court in the Sohrabuddin fake encounter case, Shah's entry into Gujarat was made for two years. In these two years, however, he worked in Delhi with the help of veterans of many areas. Amit Shah emerged as a national leader after the BJP's spectacular victory in the 2014 general elections.

9. In the Lok Sabha elections, Shah was made in charge of UP. Thanks to the absolutist strategy of Shah, the BJP wiped out many records and won a total of 73 seats out of 80 with the coalition.
10. He got the reward of BJP's spectacular performance in UP. In July 2014, Amit Shah was made the BJP's national president.

वीडियो के रूप में लालसा का सामना करना पड़ा यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एनडी तिवारी के अंतिम संस्कार पर हंसते मंत्री

वीडियो के रूप में लालसा का सामना करना पड़ा यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एनडी तिवारी के अंतिम संस्कार पर हंसते मंत्री



लखनऊ: बीजेपी और उत्तर प्रदेश सरकार के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी में, मुख्यमंत्री यूपी आदित्यनाथ का एक वीडियो सामने आया है जहां वह पूर्व उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के अंतिम संस्कारों के दौरान अन्य मंत्रियों के साथ हंसते हुए देख रहे हैं।

शनिवार की सुबह एनडी तिवारी के प्राणघातक अवशेष लखनऊ पहुंचे और उन्हें यूपी असेंबली में ले जाया गया क्योंकि वरिष्ठ नेताओं ने मृत नेता को अंतिम संस्कार का भुगतान करने के लिए तैयार किया।

वीडियो क्लिप जो वायरल चला गया है, बिहार के गवर्नर लालजी टंडन के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ को सामने की पंक्ति में दिखाता है, जबकि यूपी के मंत्री मोहसिन रजा और आशुतोष टंडन उनके पीछे बैठे थे।

आदित्यनाथ टंडन, रजा और टंडन के साथ कुछ चर्चा कर सकते हैं, जिसके बाद वे सभी हंसते हुए फट गए। वे एनडी तिवारी के शरीर के नजदीक बैठे थे।

अंतिम संस्कार के दौरान मुख्यमंत्री के कार्य की निंदा करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता जिशन हैदर ने कहा, "बीजेपी को यह समझना चाहिए कि ऐसी घटनाएं केवल फोटो अवसर नहीं हैं। चाहे वह पंडित अटल बिहारी वाजपेयी या पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी की अंतिम संस्कार है, यह सिर्फ बीजेपी के लिए एक घटना है। उनकी असंवेदनशीलता को इस तथ्य से समझा जा सकता है कि वे मृत शरीर के सामने बैठे हुए हंसते हैं। "

समाजवादी पार्टी ने दृढ़ता से प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि यह एक असंवेदनशील कार्य था। "यह भारतीय जनता पार्टी का असली किरदार है। शरीर उनके सामने था और मुख्यमंत्री के साथ मुख्यमंत्री हंसी में फूट गए। इससे पता चलता है कि वे कितने असंवेदनशील हैं और वे मानवता से कितने दूर हैं। ऐसे लोगों के पास जीवन और मृत्यु का कोई मूल्य नहीं है। उनके लिए यह केवल राजनीति का मामला है, "समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भादौरीया ने कहा

Saturday, October 20, 2018

हिंगलाज माता मन्दिर, जिसे हिंगलाज देवी, हिंगुला देवीतथा नानी मन्दिर के नामों से भी जाना जाता

नाम:

नानी का मंदिर

ہنگلاج ماتا
निर्माण
काल :
अति प्राचीन
देवता:हिंगलाज माता
वास्तु
कला:
स्थान:मकरान तटीय क्षेत्र, लसबेला जिला
बलूचिस्तान, पाकिस्तान
निर्देशांक:23°55′26″N 72°23′19″E / 23.92389°N 72.38861°E
जाल
स्थल
www.hinglajmata.com
हिंगलाज माता मन्दिर

हिंगलाज माता मन्दिर, जिसे हिंगलाज देवीहिंगुला देवीतथा नानी मन्दिर के नामों से भी जाना जाता है, पाकिस्तानके बलूचिस्तान प्रांत में हिंगोल नदी के तट पर ल्यारी तहसील के मकरान के तटीय क्षेत्र में हिंगलाज में स्थित एक हिन्दू मंदिर है। यह हिन्दू देवी सती को समर्पित इक्यावन शक्तिपीठमें से एक है।[1] पिछले तीन दशकों में इस जगह ने काफी लोकप्रियता पाई है और यह पाकिस्तान के कई हिंदू समुदायों के बीच आस्था का एक एकीकृत बिंदु बन गया है।[2

मुस्लिम देशों में हैं ये प्रसिद्ध हिंदू मंदिर

नाम:नानी का मंदिर
ہنگلاج ماتا
निर्माण
काल :
अति प्राचीन
देवता:हिंगलाज माता
वास्तु
कला:
स्थान:मकरान तटीय क्षेत्र, लसबेला जिला
बलूचिस्तान, पाकिस्तान
निर्देशांक:23°55′26″N 72°23′19″E / 23.92389°N 72.38861°E
जाल
स्थल
www.hinglajmata.com
मुस्लिम देशों में हैं ये प्रसिद्ध हिंदू मंदिर



हिंगलाज माता मन्दिर, जिसे हिंगलाज देवीहिंगुला देवी तथा नानी मन्दिर के नामों से भी जाना जाता है, पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हिंगोल नदी के तट पर ल्यारी तहसील के मकरान के तटीय क्षेत्र में हिंगलाज में स्थित एक हिन्दू मंदिर है। यह हिन्दू देवी सती को समर्पित इक्यावन शक्तिपीठमें से एक है। पिछले तीन दशकों में इस जगह ने काफी लोकप्रियता पाई है और यह पाकिस्तान के कई हिंदू समुदायों के बीच आस्था का एक एकीकृत बिंदु बन गया है।
ढाकेश्वरी मंदिर, ढ़ाका बांग्लादेश: ढाकेश्वरी मन्दिर ढाका नगर का सबसे महत्वपूर्ण मन्दिर है। 12वीं शताब्दी में सेन राजवंश के बल्लाल सेन ने ढाकेश्वरी देवी मन्दिर का निर्माण करवाया था। ढाकेश्वरी पीठ की गिनती शक्तिपीठ में की जाती है क्योंकि यहां पर सती के आभूषण गिरे थे।

दुनिया में ऐसे कई देश है जो किसी विशेष धर्म के लिए जाने जाते हैं। इन देशों में हिंदू धर्म को मानने वाले अनुयायियों की संख्या भले ही कम हो लेकिन यहां स्थित मंदिरों में आस्था सदियों से कायम है और यही कारण है यहां हर धर्म के अनुयायी सजदा करने जरूर आते हैं। लेकिन इनकी संख्या बहुत कम होती है।
 आसामाई माता मंदिर, काबुल अफगानिस्तान: माता का मंदिर यह मंदिर, आसामाई के मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां मां सभी भक्तों की आसपूर्ण करती हैं, मां यहां आसा पहाड़ी की सबसे ऊंची चोटी पर निवास करती हैं। इस मंदिर के पास एक बड़ी सी शिला है जिसे पंजसीर का जोगी कहा जाता है।

हिंगलाज माता मंदिर, पाकिस्तान: यह मंदिर हिंगला नदी के पास देवी का एक मंदिर है जो हिंगलाज माता के नाम से जानी जाती है। इस मंदिर को शक्तिपीठ के रूप में मान्यता प्राप्त है।ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है कि जो एक बार माता हिंगलाज के दर्शन कर लेता है उसे पूर्वजन्म के कर्मों का दंड नहीं भुगतना पड़ता है।

कटासराज मंदिर, पाकिस्तान : कटास राज पाकिस्तान के पाकिस्तानी पंजाब। पंजाब प्रान्त के उत्तरी भाग में नमक कोह पर्वत शृंखला में स्थित हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यहां एक प्राचीन शिव मंदिर है। इसके अतिरिक्त और भी मंदिरों की श्रृंखला है जो दसवीं शताब्दी के बताए जाते हैं।


Thursday, October 18, 2018

लिंगायत को धर्म का दर्ज देना कांग्रेस की बड़ी भूल : डीके शिवकुमार

लिंगायत को धर्म का दर्ज देना कांग्रेस की बड़ी भूल : डीके शिवकुमार



कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने माना कि इस साल हुए विधानसभा चुनावों के दौरान लिंगायत समुदाय को धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यक का दर्जा देना पार्टी की बड़ी भूल थी। धर्म के नाम पर राजनीति किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों व सरकार को धर्म और जाति से जुड़े मामलों में दखल नहीं देनी चाहिए। हमारी पार्टी ने यह अपराध किया है और वह इसके लिए माफी मांगते हैं। शिवकुमार ने यह बयान बुधवार को दशहरा सम्मेलन के दौरान दिया था। 

कांग्रेस के लिए मुसीबत बन सकता है यह बयान

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इस फैसले को जनता ने भी स्वीकार नहीं किया था, जिसे उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने मताधिकार से बता दिया था। अपने बयान पर कायम रहते हुए शिवकुमार ने बृहस्पतिवार को बंगलूरू में कहा कि एक मंत्री को तौर पर उन्हें अपने विचार रखने चाहिए। मुझे इसकी चिंता नहीं कि लोग इसे कैसे लेते हैं और मेरे लिए क्या कहते हैं। 

उन्होंने दावा किया कि कई वरिष्ठ कांग्रेसियों ने उन्हें सलाह दी थी कि सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। डी शिवकुमार का यह बयान आगामी लोकसभा चुनाव में जहां कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। वहीं भाजपा भी इसे भुनाने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहेगी। भाजपा पहले ही सीद्दारमैया सरकार पर राजनीतिक लाभ लेने के लिए समाज को बांटने का आरोप लगाती रही है। 

पार्टी में बढ़ी रार 

शिवकुमार के इस बयान पर पार्टी दो भागों में बंट गई है। लिंगातयों को धर्म के आधार पर अल्पसंख्यक का दर्जा देने की सिफारिश करने वालों में सक्रिय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री एमबी पाटिल ने कहा कि वह इस मामले को पार्टी फोरम में उठाएंगे। 


अपने 12 दौरे से प्रधानमंत्री मोदी बदलना चाहते हैं राजस्थान की वसुंधरा का भाग्य

अपने 12 दौरे से प्रधानमंत्री मोदी बदलना चाहते हैं राजस्थान की वसुंधरा का भाग्य


लोहे के चने चबाने की चुनौती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुरेज नहीं है। वह चुनौती स्वीकार करने से नहीं घबराते। राजस्थान जैसे स्विंग स्टेट (एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा का राज) में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की टीम इसे दोहराना चाहती है। 

प्रधानमंत्री के चेहरे पर राजस्थान में जीत की रणनीति तैयार की जा रही है। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी के 12 दौरे की मंजूरी भी मिल चुकी है। राजस्थान के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने भी राज्य में सूझ-बूझ की पूरी ताकत झोंक दी है। 

भाजपा के रणनीतिकारों को भरोसा है कि प्रधानमंत्री के 12 दौरों से 2018 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान का भाग्य भाजपा के पक्ष में करवट ले लेगा। चुनाव का परिणाम चाहे जो भी हो, लेकिन नरेंद्र मोदी के चेहरे और वसुंधरा राजे के नेतृत्व में चुनाव का सामना कर रही है। 

चुनाव के रणनीतिकारों में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राज्य के प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा महासचिव भूपेंन्द्र यादव, केंद्र में मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष मदल लाल सैनी, पूर्व अध्यक्ष अशोक परनामी, राज्य के मंत्री गुलाब चंद कटारिया समेत अन्य की भूमिका अहम है।

सूत्र बताते हैं प्रधानमंत्री दीपावली के बाद क्रमांतर में राज्य में चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे। इसकी करीब-करीब रूपरेखा तैयार है। प्रधानमंत्री के राजस्थान दौरे के दौरान जनसभा में पार्टी के प्रचार-प्रसार सामग्री में भी काफी बदलाव हुआ है। 

पोस्टरों आदि में प्रधानमंत्री, राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी को भी जगह मिल रही है। इसके अलावा पार्टी ने राजस्थान को केंद्र में रखकर पन्ना प्रमुख से लेकर बूथ प्रबंधन, सोशल मीडिया समेत अन्य माध्यमों पर काफी ध्यान दिया है। 

भाजपा अध्यक्ष खुद राजस्थान के लिए काफी समय दे रहे हैं। जयपुर में प्रवास से लेकर कैंप कार्यालय तक के प्रबंध किए जा रहे हैं। ताकि राजस्थान में स्विंग स्टेट की तस्वीर को बदला जा सके।

राजस्थान चुनाव : भाजपा के बागी बिगाड़ सकते हैं खेल

राजस्थान चुनाव : भाजपा के बागी बिगाड़ सकते हैं खेल


राजस्थान में सत्ताधारी भाजपा के लिए विपक्ष यानी कांग्रेस से अधिक परेशानी बड़े वोट बैंक माने जाने वाले समाजों से आने वाले दिग्गज नेताओं से होगी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से नाराज होकर भाजपा के बागी बने जाट समाज के नेता व निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने भी अपने समाज व किसानों में भाजपा व राजे के खिलाफ माहौल खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

अब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजपूत समाज के चेहरे पूर्व वित्त मंत्री जसवंत सिंह के बेटे विधायक मानवेंद्र सिंह का कांग्रेस से जाकर हाथ मिलाना पश्चिमी राजस्थान में भाजपा के लिए बड़े नुकसान की ओर इशारा कर रहा है।

वहीं, राजधानी जयपुर में ब्राह्मण समाज से आने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी का मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से खफा होकर अपनी अलग पार्टी बना लेना भी भाजपा की जीत की राह में रोडे़ बढ़ा रहा है। प्रदेश में इन नेताओं द्वारा तैयार किए जा रहे माहौल से भाजपा को पार पाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी।

राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटों में से 50 से अधिक सीटों पर जाट समाज का दबदबा है और करीब 40 से अधिक सीटों पर ये समाज उलट-फेर करने की क्षमता भी रखता है। राजस्थान में इस समाज से आने वाले किसानों की संख्या भी अच्छी खासी है।

राजनीतिक पार्टियों का मानना है कि 11 फीसदी से अधिक वोटर जाट समाज से आते हैं, लेकिन खास बात यह है कि ये समाज एक मुश्त वोट डालने के लिए जाना जाता है। पश्चिमी राजस्थान व नागौर तक तथा पूरे शेखावाटी में जाट समाज बड़ी संख्या में हैं। आमतौर पर कांग्रेस का वोट बैंक माना जाने वाले इस समाज ने पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस शासन से नाराज होकर और मोदी लहर के चलते भाजपा का साथ दिया था।

बागी विधायक बेनीवाल बना रहे वसुंधरा राजे के खिलाफ माहौल

भाजपा की ऐतिहासिक जीत में इस समाज की बड़ी भूमिका मानी जा रही थी, क्योंकि 163 सीटें बिना जाट समाज के वोट के राजस्थान में संभव नहीं है। लेकिन पिछले तीन सालों में भाजपा से बागी विधायक हनुमान बेनीवाल ने भाजपा के खिलाफ और खासकर वसुंधरा राजे के खिलाफ जमकर माहौल बनाया है। उन्होंने शेखावाटी से लेकर पश्चिमी राजस्थान तक किसान व जाट समाज की रैलियों में अच्छी खासी भीड़ जुटाई है और अब उनकी अगली रैली जयपुर में होने वाली है, जिसमें वे सबसे अधिक जोर लगा रहे हैं।

सरकार पलटने की क्षमता रखने वाले इस समाज को खुश रखने से ही भाजपा की इस चुनाव में बात बन सकती है। इधर, राजपूत समाज से नेता मानवेंद्र सिंह ने भी भाजपा के कमल के फूल को अपनी भूल बताते हुए कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। इस घटना से भाजपा के नेताओं का मानना है कि राजपूत समाज के, खासकर पश्चिमी राजस्थान के वोट टूट सकते हैं। राजनीतिक पार्टियों के आंकलन के हिसाब से राजस्थान में राजपूत वोट बैंक करीब 4 से 5 प्रतिशत है।

लेकिन राजस्थान की राजनीति में इस समाज का प्रतिनिधित्व काफी अधिक रहता है। वर्तमान विधानसभा में राजपूत समाज से करीब 27 विधायक हैं। राजपूत समाज को भाजपा को वोटर माना जाता है, यदि ये वोट बैंक छिटकता है, तो कांग्रेस को लाभ होगा। वर्तमान में भाजपा के 24 विधायक राजपूत समाज से हैं। यदि मानवेंद्र के भाजपा से नाराज होने से इन राजपूत समाज के नेताओं पर प्रभाव पड़ा, तो भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।

वहीं, ब्राह्मण समाज के चेहरा माने जाते रहे वरिष्ठ विधायक व पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी भी वसुंधरा राजे से रूठकर भाजपा छोड़ अपनी अलग पार्टी बना चुक हैं। उन्होंने सभी 200 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि भाजपा के कई नेता उनसे सम्पर्क में हैं, ऐसे में वे भाजपा के ही वोट काटेंगे।

हालांकि ब्राह्मण वोट बैंक बंटा हुआ माना जाता है। इसलिए भाजपा घनश्याम तिवाड़ी को लेकर खास परेशान नहीं है। आरक्षण को लेकर नाराज गुर्जर समाज भाजपा को अधिक परेशान कर रहा है। हालांकि मीणा समाज को साधने के लिए विधायक व पूर्व सांसद किरोड़ी लाल मीणा को वसुंधरा राजे ने भाजपा में शामिल कर लिया है। गुर्जर व मीणा समाज के करीब 6-6 फीसदी वोट बैंक है। लेकिन राजनीतिक दलों के लिए दोनों ही समाज इसलिए जरूरी हैं क्योंकि यहां से एकमुश्त वोटिंग होती है।

मध्यप्रदेश चुनावः 29 साल से भाजपा के इस अभेद्य किले को जीत नहीं पाई कांग्रेस

मध्यप्रदेश चुनावः 29 साल से भाजपा के इस अभेद्य किले को जीत नहीं पाई कांग्रेस

मध्यप्रदेश में कई जिले ऐसे हैं जो भाजपा के गढ़ माने जाते हैं। उनमें से एक है विदिशा। पिछले विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह ने यहां से चुनाव लड़कर शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी अभियान का बिगुल फूंका था, हालांकि चुनाव जीतने के बाद उन्होंने ये सीट छोड़ दीस। सत्ताधारी पार्टी भाजपा के लिए ये जिला कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि


-मध्यप्रश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 5 बार विदिशा से सांसद रह चुके हैं

-फिलहाल विदिशा की 5 विधानसभा सीटों में से 3 भाजपा के पास हैं

लेकिन इस बार भाजपा की राह यहां आसान नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस और भाजपा में जीत-हार की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। आज भी कुछ लोग शिवराज को मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं पर कुछ ऐसे भी हैं जो अधूरे विकास कार्यों को देखते हुए भाजपा से कन्नी काट रहे हैं। सरकार के अधूरे वादों की वजह से लोगों में बीजेपी को लेकर नाराजगी बढ़ी है।

Wednesday, October 17, 2018

LIST OF BHARATIYA JANATA PARTY PRESIDENTS:


LIST OF BHARATIYA JANATA PARTY PRESIDENTS:



       1980-1986 (Shri Atal Bihari Vajpayee)



        1986-1990 (SHRI Lal krishna advani)

1990-1993 (SHRI Murli manohar joshi)


   
        1993-1998 (SHRI Lal krishna advani)

               1998-2000 (kushabhau thakre)
2000-2001 (bangaru laxman)

(2001-2002) jana krishnamurthy


2002-2004 (venkaiah naidu)

2004-2005 (SHRI Lal krishna advani)

2005-2009 (rajnath singh)

2010-2013 (nitin gadkarinitin gadkari)

2013-2014 (rajnath singh)

2014 (amit shah)

As BJP Gains Numbers In Goa, Chief Minister Buzz Around Vishwajit Rane

New Delhi : 
Hours after two Goa Congress lawmakers switched to the BJP on Tuesday, improving the wafer-thin majority of the ruling coalition in the state, there was a buzz around minister Vishwajit Pratap Singh Rane as a possible replacement for Chief Minister Manohar Parrikar, who is battling a pancreatic condition. So far, there is no official word on Mr Parrikar stepping down.
Mr Rane, first elected to the Goa Assembly in 2010, is the minister for health and women and child development in the state cabinet.
His father Pratap Singh Rane, a Congress lawmaker, is a four-time chief minister.
Mr Rane was called for discussions in Delhi by the BJP central leadership on Monday. BJP sources said Mr Rane, who represents Valpoi assembly seat in North Goa, is credited with bringing on board the two Congress lawmakers, Subhash Shirodkar and Dayanand Sopte.
The Congress tally has been reduced from 16 to 14, leaving it evenly matched with the BJP. The loss of two members also weakens the Congress's efforts to raise numbers to form a coalition government.
The ruling BJP, with 14 lawmakers, has the support of the Maharashtrawadi Gomantak Party and the Goa Forward Party - both with three lawmakers each, three independent lawmakers and one legislator from the Nationalist Congress Party.
Goa Congress leader A Chellakumar alleged that the two defectors were poached by Vishwajit Rane as part of a deal in which he would be rewarded with the top post.
"I got a message that Vishwajit Rane was the man who has convinced and taken them to Delhi and he has bargained with the BJP high command that if he got the two Congress MLAs, he should be made the Chief Minister," Mr Chellakumar claimed.
The Congress emerged as the single largest party after the 2017 assembly elections, winning 17 seats. However, within days, Vishwajit Rane resigned and crossed over to the BJP, which cobbled up a coalition and staked claim to Power


Bahut nikale Sankalp Patra per kuch kiya nahi

More info

घोषणा पत्र को लोक कल्याण संकल्प पत्र नाम दिया था



प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। बीजेपी ने घोषणा पत्र को लोक कल्याण संकल्प पत्र नाम दिया है। बीजेपी के घोषणा पत्र में जनता से तमाम तरह के वायदे किए गए है। घोषणा पत्र में लिखी बातों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए भाजपा रविवार से अभियान चलाने जा रही है।


बरेली बीजेपी जिलाध्यक्ष रविन्द्र सिंह राठौर ने बयान जारी कर बताया कि बीजेपी 29 जनवरी को विशेष जनसम्पर्क अभियान शुरू करेगी जिसमें सभी बूथ, सेक्टर और मंडल के प्रभारी, कार्यकर्ता और अध्यक्ष सभी विधानसभा में जाकर जनसंपर्क करेंगे। जिसमें कार्यकर्ता जनता को बीजेपी के घोषणा पत्र की जानकारी देने के साथ ही केंद्र सरकार की योजनाओं की भी जानकारी देंगे। 


- गरीब के घर बेटी के जन्म के समय पांच हजार रूपये मिलेंगे साथ विधवा पेंशन से उम्र की सीमा समाप्त होगी। 
- सभी कॉलेजों में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा, शिक्षा मित्रों की समस्याओं का समाधान, स्नातक तक लड़कियों और 12 वीं तक लड़कों को मुफ्त शिक्षा। 
- किसानों को बगैर ब्याज के कर्ज, भूमिहीन किसानों का दो लाख का बीमा और धान की पूरी फसल सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी। 
- किसानों की मदद के लिए छोटे किसानों का कर्ज माफ़ होगा। 
- लैपटॉप बगैर किसी भेदभाव के मिलेगा और एक जीबी इंटरनेट फ्री। 

इसके साथ ही बीजेपी हर विधानसभा में एक फरवरी से 12 फरवरी तक नुक्कड़ नाटकों का आयोजन कर केंद्र सरकार की योजनाएं और घोषणा पत्र के बारे में जनता को बताएगी।  

Allahabad is set to get a new name With chief Minister yogi aadityanath




Allahabad become prayagraj


NEW DELHI: The Uttar Pradesh Cabinet on Tuesday adopted a proposal to rename the historic city of Allahabad as 
Prayagraj
.

UP CM 
Yogi Adityanath
, who had said last week that the government would consider a change in name for Allahabad, had participated in the Margdarshak Mandal meeting for Kumbh recently where he received this proposal from seers. "Prayag means a confluence of two rivers. Here, we have a confluence of three rivers, Ganga, Yamuna and Saraswati. Therefore, its name should be Prayagraj," he had said.

The city was named Ilahabad by Mughal emperor 
Akbar
, who is said to have built a fort near the Ganga in the city, in the 16th century. It was subsequently renamed Allahabad by his grandson.
This is the third attempt to change the name of the 'city of Prime Ministers' (at least 7 Prime Ministers either came from or contested from Allahabad). In 1992, the then UP chief minister had announced that he has accepted the demand of Hindu saints and formalities of renaming the city to Prayagraj would be completed soon. Then in 2001, CM Rajnath Singh's cabinet again decided to do the same but it didn't happen.

After Yogi became CM

Allahabad's new name proposal comes close on the heels of renaming the iconic Mughalsarai railway station after Bharatiya Jana Sangh co-founder Deendayal Upadhyay. The Yogi government has also approached the Centre for approval to rename three airports - those in Bareilly (to be named Nath Nagri), Agra (to be named after Deen Dayal Upadhyay) and Kanpur (to be named after freedom fighter Ganesh Shankar Vidyarthi).

When Yogi was an MP

As an MP from Gorakhpur, Yogi has had a habit of 'declaring' new names for places in the area. The five-time MP turned Urdu Bazaar into Hindi Bazaar, Humayunpur to Hanuman Nagar, Islampur to Ishwarpur, Mian Bazaar to Maya Bazaar and Alinagar to Aryanagar. The new names were not official though, he used to come up with them at his rallies and his supporters made sure they were used.

Names don't last

How long a changed name stays also depends on politics too. In 2012, when Samajwadi Party came to power it changed the names of eight districts that were renamed by the Mayawati government in the previous term. So, Amethi once again became Amethi and Hathras reverted to Hathras.

Meanwhile, Allahabad ranks 96th in a list of 111 liveable cities of India, which means its real problems are still about the basics.

Friday, October 12, 2018

भाजपा सरकार ने अनिल अंबानी के साथ मिलकर एक लाख 70 हजार करोड़ का घोटाला किया है।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने शनिवार को बबैल में कांग्रेस पंचायती राज प्रकोष्ठ के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ईमानदारी का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा सरकार का अब असली चेहरा सामने आने लगा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने अनिल अंबानी के साथ मिलकर एक लाख 70 हजार करोड़ का घोटाला किया है। कांग्रेस इस मामले को मुद्दा बनाएगी और भाजपा के इस चेहरे को जनता के सामने लाएगी। 

तंवर ने कहा कि हरियाणा के लिए यह मुद्दे बहुत ही जरूरी हैं। क्योंकि सेना में सबसे अधिक सैनिक हरियाणा के हैं। यह मामला हरियाणा के उन सैनिकों को भी प्रभावित करेगा जो देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात हैं और अपनी जान देने में पीछे नहीं हटते हैं। हरियाणा में बड़े स्तर पर यमुना में अवैध खनन हो रहा है। इस काम के पीछे भी भाजपा से जुड़े लोग ही शामिल हैं। अवैध रूप से किए जा रहे खनन के माध्यम से पड़ोसी राज्यों का फायदा पहुंचाया जा रहा है। इससे हरियाणा की संपदा काे नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इस मौके पर उन्होंने किसानों से सरकार से मिली राहत के बारे में सवाल भी किए। कहा कि सरकार ने किसान को बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया है। 

सस्ते का वादा कर बढ़ा दी महंगाई:तंवर ने कहा कि सत्ता में आने से पहले भाजपा ने कहा था कि सरकार में अाने के बाद हर चीज सस्ती कर दी जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जीएसटी लगा कर सब कुछ महंगा कर दिया गया। 

पानीपत. कांग्रेस पंचायती राज प्रकोष्ठ के सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर। 

हर बार वादाखिलाफी कांग्रेस नेता बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार ने हर मोड़ पर लोगों से वादा खिलाफी की है लेकिन कांग्रेस पार्टी हर बार अपने वादे पर खरी उतरती है। इस बार भी वादे पूरे किए जाएंगे। गांव डाहर में नया शुगर मिल बनाने का काम शुरू कराया जाएगा, बबैल में लड़कियों का कॉलेज, स्वास्थ्य केंद्र व नई अनाज मंडी का निर्माण कराया जाएगा।। इस अवसर पर पूर्व सांसद ईश्वर सिंह, पूर्व विधायिका राज रानी पूनम, प्रकाश बंसल, मोहकम छौक्कर, बब्बू राम कौशिक, ओमप्रकाश देवीनगर आदि मौजूद रहे।